नवीन आगरा ग्रीन आगरा का सपना अधूरा यह डिजिटल आगरा आप देख कर थूकने लगेंगे
नवीन आगरा ग्रीन आगरा का सपना अधूरा यह डिजिटल आगरा आप देख कर थूकने लगेंगे आगरा ताजनगरी के मेयर नवीन जैन जहां जाते हैं वहां चीज चीज कर कहते हैं नवीन आगरा क्लीन आगरा हो गया है लेकिन हकीकत कुछ और है जिस तरफ देखो उस तरफ पूरा ही कूड़ा दिखाई देता है गंदगी ही गंदगी दिखाई देती है नगर निगम के अधिकारियों की आंखों में मोतियाबिंद आ चुका है उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता हर जगह बंदरबांट चल रहा है मोटी रकम बांट बांट कर खाने में लगे हुए हैं लेकिन सरकार मैं बैठे लोग भी चुप बैठे हुए हैं आखिरकार आगरा की गंदगी कब खत्म होगी या नहीं करोड़ों रुपए का घोटाला हो जाता है लेकिन सफाई के नाम पर ढाक के तीन पात रहते हैं चारों तरफ गंदगी ही गंदगी दिखाई देती है एक बार इस थोड़ी सी पड़ जाए शहर की सड़कें तालाब बन जाती हैं नाले उफान लेकर घरों में घुस जाते हैं निकलना दुश्वार हो जाता है लेकिन सत्ताधारी नेता छाती पीट-पीटकर कहते हैं कि डिजिटल आगरा हो गया है आखिरकार ऐसे लोगों को शर्म नहीं आती चुल्लू भर पानी में डूब कर मर नहीं जाते कब शर्म आएगी गंदगी के अंबार लगे हुए हैं जो भी बाहर के लोग आते हैं कहते हैं वह आगरा शर्म करो बेशर्म मत बनो जब आप जनता जरूर देगी राजा मंडी स्टेशन के पास गंदगी के अंबार लगे हुए हैं यह कोई एक जगह की बात नहीं किसी भी रोड पर चले जाओ उस तरफ गंदगी ही गंदगी दिखाई देती है हर रोज सफाई अभियान चलाया जाता है स्वच्छ अभियान के नाम पर करोड़ों रुपए डकार गए लेकिन सफाई नहीं हो सकी गाय माता के नाम पर जनता को गुमराह करने में लगे रहते हैं सैकड़ों गौशाला बना दी गई लेकिन गायों की मौत हो जाती हैं कोई देखने वाला नहीं गाय कूड़े के ढेरों पर कूड़ा खाने में लगी हुई हैं लेकिन अधिकारी गाय के नाम पर पैसा खाने में लगे हुए हैं राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की जाती है लेकिन दुर्दशा गौ माता की हो रही है चारों तरफ गाय और नंदी घूमते दिखाई देते हैं भूखे प्यासे मर जाते हैं लेकिन अधिकारियों को कुछ नहीं दिखाई देता कूड़े के ढेरों पर किस तरह पेट भरने में लगी है गाय