उन्नाव:-*उत्तर प्रदेश पुलिस के दो जाबांज, दरोगा योगेश दीक्षित जी एवं आरक्षी अनिल यादव जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
*उत्तर प्रदेश पुलिस के दो जाबांज, दरोगा योगेश दीक्षित जी एवं आरक्षी अनिल यादव जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
*??????
किसी कवि की यह पंक्तियां आज याद आ गई कि
_बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई|
इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया||
__आज का माहौल बहुत ही गमगीन रहा क्योंकि आज जांबाज पुलिस अफसर स्वः श्री योगेश दीक्षित जी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया | हमारे यहाँ एक बात बहुधा कहीसुनी जाती है कि ईश्वर अच्छे लोगों को बहुत ही जल्द अपने पास बुलाता है |शायद यही बात कल सत्य साबित हुई जब एक सडक दुर्घटना में घायल हुए दीक्षित जी असमय काल कवलित हो गए|बदरका चौकी इंचार्ज रहे दरोगा जी की कार्यशैली आमजनमानस को काफी प्रभावित करती थी और अंतिम समय में उमडे इस जनसैलाब की नम आंखे इस बात की चीख चीख कर गवाही दे रही थी |शब्दों में कहें तो कल का दिन उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए ‘काला शुक्रवार’रहा| जहां आमजनमानस दीक्षित जी की इस सडक दुर्घटना के शोक से उबर भी नहीं पाया था कि वहीं बारासगवर थाने में तैनात आरक्षी अनिल यादव जी की सडक दुर्घटना में घायल हो जाने की खबर ने झिंझोड ने रख दिया|अत्यंत दुखदायी बात यह रही कि दोनो जांबाज कल काल कवलित हो गये और इनकी यह मौत इनके परिवारीजनों के साथ साथ पूरे जनमानस को शोकसंवेदना की लहर में डूबा गयी | एक ओर इन दुर्घटनाओं से जहां उत्तर प्रदेश पुलिस महकमें की अपूरणीय क्षति हुई है वहीं आमजनमानस भी इन दुर्घटनाओं से स्तब्ध है |
आम नुक्कडी चर्चाओं में तो दबी जुबान यह चर्चा भी जोरों पर है कि यह सडक दुर्घटनाएं एक सोची समझी रंजिशन साजिश है | अभी कुछ ही समय पहले भगवंतनगर चौकी इंचार्ज रहे स्वः दीक्षित जी की कार्यशैली से राजनीतिक गलियारों में मची उथल पुथल ने ही उन्हें जनमानस के बीच ‘सिंघम’ उपनाम से चर्चित किया था |कई लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि इन दुर्घटनाओं की सरकार को उच्चस्तरीय जाँच करानी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके|यह सडक दुर्घटनाएं है या सोंची समझी रंजिशन साजिश, यह तो भविष्य के गर्त में है लेकिन इन सड़क दुर्घटनाओं ने कंही ना कंही अभी हाल में ही जोरशोर से पढाये जा रहे यातायातीय नियमों के पाठ पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं | चारों तरफ से संवेदनात्मक सहानुभुतियों का दौर जारी है लेकिन कंही ना कंही एक सवाल सा खडा होता है कि ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों के साथ अक्सर एेसा ही क्यों होता है
उन्नाव भारत टी.वी न्यूज ब्यूरो