मोदी आने वाले हैं! फिलिस्तीन को हुआ बड़ी गलती का अहसास, नपे राजदूत
मोदी आने वाले हैं! फिलिस्तीन को हुआ बड़ी गलती का अहसास, नपे राजदूत
प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल फरवरी में फिलिस्तीन जाने वाले हैं. विदेश मंत्रालय के अधिकारी इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं. इससे पहले पाकिस्तान में फिलिस्तीन के राजदूत वलीद अबु अली ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ मंच साझा किया, तो बवाल मच गया.
हालांकि भारत के कड़े विरोध के बाद फिलिस्तीन को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने फौरन अपने राजदूत को पाकिस्तान से वापस बुलाने का फैसला ले लिया. साथ ही इस घटना पर दुख जताया है. पीएम मोदी के दौरे से पहले फिलिस्तीन भारत की नाराजगी को मोल नहीं लेना चाहता था. उसे यह भी डर था कि हाफिज सईद से वलीद अबु अली की मुलाकात की वजह से पीएम मोदी का दौरा टल न जाए.
भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद से फिलिस्तीनी राजदूत के मंच साझा करने को लेकर जबरदस्त गुस्सा है. अगर पीएम मोदी का आगामी दौरा टलता है, तो यह फिलिस्तीन के लिए बड़ा झटका होगा. इसकी वजह यह है कि हाल ही में पीएम मोदी ने इजरायल का दौरा किया था, लेकिन फिलिस्तीन नहीं गए थे. लिहाजा भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबु अल हाइजा तुरंत हरकत में आए और हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने के विवाद पर सफाई दी.
हाइजा ने कहा कि हमारे राजदूत वलीद अबु अली हाफिज सईद को नहीं जानते थे. जब उन्होंने बोलना शुरू किया, तो पूछा भी कि आखिर यह (हाफिज सईद) कौन है? हमारे राजदूत का भाषण हाफिज सईद के बाद था. हाफिज सईद अपना भाषण दिया और चला गया. भारत के कड़े विरोध पर हाइजा ने कहा कि आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच साझा करना फिलिस्तीन को भी बर्दाश्त नहीं हैं. इसी वजह से वलीद अबु अली को वापस बुलाने का फैसला लिया गया है.
उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन करते हैं. यही वजह है कि फिलिस्तीन सरकार ने वलीद अबु अली को पाकिस्तान से सीधे वापस बुलाने का फैसला लिया है. भारत में फिलिस्तीनी राजदूत हाइजा ने यह भी कहा कि पीएम मोदी फिलिस्तीन के सम्मानीय मेहमान हैं. हम फिलिस्तीन में उनका स्वागत करते हैं. हमको उनके फिलिस्तीन दौरे का इंतजार है. हमें उम्मीद है कि वो जल्द ही फिलिस्तीन का दौरा करेंगे.
दरअसल, शुक्रवार को पाकिस्तान के रावलपिंडी में फिलिस्तीन के राजदूत वलीद अबु अली ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ मंच साझा किया था. रावलपिंडी के लियाकत बाग में आयोजित विशाल रैली में हाफिज सईद के साथ फिलिस्तीन के राजदूत वलीद अबु अली भी शामिल हुए.
इसका आयोजन दिफाह-ए-पाकिस्तान काउंसिल ने किया था. इस दौरान फिलिस्तीनी राजदूत वलीद अबु अली ने लोगों को भी संबोधित किया था. दोनों के मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर होने लगी. इसके बाद भारत ने फिलिस्तीनी राजदूत के इस कदम के प्रति एतराज जताया था.
राजनीति में आने को बेताब है आतंकी हाफिज सईद
वैश्विक आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान की राजनीति में आने को बेताब है. इसमें उसको पाकिस्तानी सेना का भी समर्थन मिल रहा है. हाल ही में नजरबंदी से रिहा होने के बाद आतंकी हाफिज सईद आगामी चुनाव में उतरने का ऐलान भी चुका है. हालांकि उसके सिर पर अमेरिका ने एक करोड़ रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है. संयुक्त राष्ट्र ने भी हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित कर रखा है. वह अपने नाम से आतंक का टैग हटाने की कोशिश में है. इसके लिए उसने संयुक्त राष्ट्र में याचिका भी दायर की है.
फिलिस्तीन के समर्थन पर मोदी सरकार को घेर चुके हैं सुब्रमण्यम स्वामी
येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोट करने पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को घेरा था. स्वामी ने कहा था कि यह फैसला भारत के हित में नहीं है. इससे भारत की क्रेडिबिलिटी पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
उन्होंने कहा था कि इससे अमेरिका और इजरायल हम पर भरोसा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन किया है, जो कश्मीर के मामले में हमेशा हमारा विरोधी रहा है. इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन और अन्य फोरम में फिलिस्तीन ने भारत का विरोध किया है. स्वामी ने कहा कि ये कांग्रेस की पुरानी नीति है. अमेरिका और इजरायल के पक्ष में वोट न करके भारत ने बड़ी गलती की है.