रॉची चारा घोटाला लालू की सजा का ऐलान कल, तेजस्वी समेत 3 नेता अवमानना के दोषी.

रॉची चारा घोटाला लालू की सजा का ऐलान कल, तेजस्वी समेत 3 नेता अवमानना के दोषी.

रांची : राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद को बहुचर्चित चारा घोटाले के एक मामले में सजा का ऐलान गुरुवार (4 जनवरी को किया जाएगा। पहले 3 जनवरी को विशेष सीबीआई अदालत सजा सुनाने वाली थी, मगर एडवोकेट विंदेश्वरी प्रसाद की मृत्यु के चलते सजा की घोषणा एक दिन के लिए टाल दी गई। अदालत ने मामले में 23 दिसंबर को सुनाए गए फैसले के खिलाफ बयानबाजी करने पर लालू के बेटे तेजस्वी यादव, रघुवंश प्रसाद सिंह और मनोज झा को अवमानना का दोषी पाया है। तीनों नेताओं को 23 जनवरी को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा गया है।

इस मामले में 23 दिसंबर को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, आरके राणा, जगदीश शर्मा, तीन आइएएस अधिकारी तत्कालीन वित्त आयुक्त फूलचंद सिंह, पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस एवं एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी महेश प्रसाद के अलावा पशुपालन विभाग के तत्कालीन अधिकारी कृष्ण कुमार प्रसाद, मोबाइल पशुचिकित्साधिकारी सुबीर भट्टाचार्य एवं आठ चारा आपूर्तिकर्ताओं सुशील कुमार झा, सुनील कुमार सिन्हा, राजाराम जोशी, गोपीनाथ दास, संजय कुमार अग्रवाल, ज्योति कुमार झा, सुनील गांधी तथा त्रिपुरारी मोहन प्रसाद को दोषी करार देकर जेल भेज दिया था। यह मामला देवघर जिले (अब झारखंड) के कोषागार से 84.5 लाख रुपये की निकासी में हुए घपले का है, जो लालू के बिहार का मुख्?यमंत्री रहते हुआ था। मामले की सुनवाई 13 दिसंबर को समाप्त हुई थी।

इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में लालू यादव, जगदीश शर्मा, राणा, पूर्व मुख्यमंत्री डा .जगन्नाथ मिश्रा समेत इनमें से आज के मामले के अनेक आरोपियों को सजा हो चुकी है और वह उच्च न्यायालय से जमानत प्राप्त कर रिहा हुए हैं। देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये के फर्जीवाड़े से जुड़े इस मुकदमे में 23 दिसंबर को सीबीआई के विशेष न्यायाधीष शिवपाल सिंह ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, हार्दिक चंद्र चैधरी, सरस्वती चंद्र एवं साधना सिंह को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया था। वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की फर्जीवाड़ा कर अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्तूबर, 1997 को मामला दर्ज किया था लगभग 20 वर्षों बाद इस मामले में आज फैसला आना है।

लालू प्रसाद के मुख्य अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने बताया कि पूरी संभावना है कि आज ही अदालत सजा के बिंदु पर सुनवाई कर अपना फैसला सुना देगी। उन्होंने सजा की अवधि के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार किया।

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