टमाटर बना रसोई का दुश्मन,रसोई से बाहर टमाटर सब्जी का मजा खराब
टमाटर बना रसोई का दुश्मन
रसोई से बाहर टमाटर सब्जी का मजा खराब
₹100 किलो टमाटर का भाव
प्रिया
भारत TV आगरा
आगरा फिल्मी दुनिया का एक गाना आया था जिसके बोल थे सखी सैंया तो बहुत ही कम आते हैं महंगाई डायन खाए जात है उस गाने को लेकर तमाम पार्टियों द्वारा विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए धरना प्रदर्शन किया गया था लेकिन महंगाई की रफ्तार दिनों दिन बढ़ती चली गई महिला रसोई में महंगाई से परेशान हैं खाने का मजा खराब हो चुका है महंगाई इतनी है कि अच्छा खाना हर किसी के बस की बात नहीं रहा दाल सब्जी की तो बात छोड़ दो अब टमाटर भी लोगों को लाल करने लगा है सन 2000 में प्याज की कीमत 100 से ऊपर पहुंच चुकी थी हाहाकार मच गया था लेकिन इस समय 2023 जून के महीने में टमाटर ने सब के पसीने निकाल दिए एक तरफ तो गर्मी भयंकर पड़ रही है तो दूसरी तरफ टमाटर के भाव सुनकर लोगों के पसीने निकल जाते हैं टमाटर रसोई से बाहर हो चुका है हर कोई टमाटर से निगाह नहीं मिला सकता ₹100 प्रति किलो के हिसाब की रेट सुनते ही लोगों की आंखें फटी रह जाती हैं गरीब लोगों का तो टमाटर खरीदना दुश्वार हो चुका है जो लोग पैसा वाले हैं वह भी इस समय नाममात्र के लिए टमाटर खरीद रहे हैं लेकिन रेट आसमान छू रही है सबसे महंगा टमाटर हो चुका है टमाटर के भाव इस समय रुला रहे हैं। टमाटर की बढ़ती कीमतों के चलते अब सब्जी से टमाटर गायब होने लगे हैं। यानी बिना टमाटर के ही सब्जियां बनाई जा रही है। सलाद में भी टमाटर इस समय कहीं नजर नहीं आ रहा है। सब्जी खरीदने आने वाले लोग सब्जियां तो खरीद रहे हैं लेकिन टमाटर के भाव सुनकर टमाटर से दूर होते हुए नजर आते हैं। लोगों से वार्ता हुई तो उनका कहना है कि टमाटर की कीमतें इतनी बढ़ गई कि अब बिना टमाटर के ही सब्जी बनानी और खानी पड़ रही है। लोग अपना मन मार कर रह जाते हैं और बिना टमाटर की सब्जी खा रहे हैं
टमाटर बन गया रसोई का विभीषण
आसमान छूते टमाटर के भाव इतने हो गए हैं कि अब रसोई में प्रवेश करना बंद कर दिया है लोगों ने भी प्रतिबंध लगा दिया है कि अब टमाटर रसोई में नहीं आएगा टमाटर को विभीषण के रूप में देखा जा रहा है लोगों ने बताया कि इस समय टमाटर 80 से लेकर 100 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। अगर ₹100 प्रति किलो के हिसाब से वह टमाटर खरीदते हैं तो उनकी रसोई का बजट बिगड़ जाता है। इस महंगाई के दौर में अगर वह ₹100 रुपये सिर्फ टमाटर पर खर्च करेंगे तो बाकी सब्जियों कैसे खरीदेंगे। इसीलिए टमाटर को छोड़कर बाकी सब्जियां खरीदी जा रही है और टमाटर के बिना ही सब्जियों को बनाया जा रहा है। खानपान में सब्जी थोड़ी सी बेस्वाद जरूर लगती है लेकिन रसोई के बजट को बनाए रखने के लिए यह जरूरी हो गया है। टमाटर का भाव सुनते ही लोग लाल हो जाते हैं और जेब की तरफ निगाह करने लगते हैं
सब्जी मंडियों मैं टमाटर का रूप
सब्जी मंडी बड़ी हो या छोटी सभी जगह टमाटर 12 सब्जी विक्रेताओं पर देखने को मिल रहा कुछ सब्जी विक्रेता टमाटर खरीदना ही बंद कर चुके हैं कि इतनी महंगाई में हर कोई खरीदने को तैयार नहीं है फुटकर सब्जी मंडियों में दो तरह का टमाटर बिक रहा है। थोड़ा सा हरा टमाटर ₹80 प्रति किलो तो बिल्कुल सुर्ख लाल टमाटर ₹100 प्रति किलो बिक रहा है। जो लोग टमाटर खरीदना चाहते हैं वह सबसे पहले ₹80 किलो के भाव के टमाटर को ही टटोल रहे हैं। जब उनका मन नहीं भरता तो मन मार के ही वह ₹100 किलो वाले टमाटर खरीदते हैं। कुछ ग्राहक तो केवल दर्शन मात्र और भाव सुनकर ही हाथ जोड़कर खड़े हो जाते हैं और कहते हैं हमने खा लिया टमाटर
देश जगह जगह टमाटर की कीमत जगह जगह अलग-अलग कीमत है 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार हो गई है। यहां तक कि थोक मंडियों में इसके भाव 60 रुपये से 80 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। बाजार के जानकारों के अनुसार बीते एक हफ्तों के दौरान ही बाजार में टमाटर की कीमतें दोगुना और कहीं-कहीं उससे भी ज्यादा हो गईं हैं। कुछ फुटकर दुकानदारों ने कीमतों में अपने आप इजाफा कर दिया है
बारिश-बाढ़ बन गई दुश्मन
मंडियों में टमाटर की खेती नाममात्र के लिए पहुंच रही है टमाटर का व्यापार करने वाले व्यापारियों और छोटे व्यवसायियों ने बताया कि बिपरजॉय तूफान के कारण हुई बारिश से एक तरफ महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में टमाटर की फसल प्रभावित हुई है तो दूसरी ओर बिहार और पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी के कारण भी टमाटर की फसल का नुकसान हुआ है। जिसके चलते टमाटर की आवक कम हो गई है। इस कारण टमाटर की कीमतों में एक साथ इतना उछाल आया है। के हर किसी को पसीना आने लगा है मंडियों में जहां गाड़ियां टमाटर की लगी रहती थी वहां इस समय नाममात्र के लिए टमाटर दिखाई दे रहे हैं हर कोई टमाटर खरीदने को तैयार नहीं है जिस प्रकार टमाटर ने एक साथ उछाल लगाइए उससे साफ जाहिर हो रहा है कि आगे भी इस टमाटर में नरमी आने की कोई गुंजाइश नहीं है घरों में टमाटर को लेकर झगड़ा घरों के अंदर जो महिलाएं काम करती हैं उन्हें पता नहीं की टमाटर के भाव आसमान छू रहे हैं जो लोग टमाटर खरीद कर लाते हैं उन्हें पता है कि किस भाव टमाटर हो चुका है लेकिन महिलाओं द्वारा घरों में कहा जाता है कि टमाटर लेकर नहीं आए तो लोग कहते हैं कि टमाटर अब खाना मुश्किल होगा ₹100 में 4 दिन के लिए सब्जियां आती थी वह अब टमाटर बादशाह हो चुका है इसकी कीमत कितनी बढ़ चुकी है कि अब टमाटर घर में लाना मुश्किल होगा एक-दो दिन तो महिलाएं विश्वास नहीं मान रही थी कि शायद उनके पति जानबूझकर टमाटर नहीं खरीद कर लाए होंगे लेकिन जब एक दूसरे से जानकारी हुई तो उन्हें पता चला के वास्तव में टमाटर लाल हो गया है अब घर में प्रवेश वर्जित कर दिया है