19 साल बाद बना ऐसा योग 8 सोमवार 58 दिनो का महीना

भाई-बहन का पवित्र बंधन 28 दिनों का सावन महीना

 

इस साल सावन 4 जुलाई से शुरू होगा और 31 अगस्त तक चलेगा

 

गांवों में पेड़ों पर पड़ने लगे झूले

 

मायके जाने लगी ससुराल से बहू बेटियां

 

मिठाई की दुकानों पर घेवर की बिक्री प्रारंभ

 

कावड़ यात्रा के लिए तैयार हो रही टोलियां

 

प्रशासन ने सावन महीने के लिए कसी कमर

 

कावड़ यात्रा वाले रोड पर पुलिस की पैनी नजर

 

जगह-जगह लगाए जाएंगे सामूहिक भंडारे

 

प्रिया

भारत TV

 

सावन का महीना हिंदू समाज में पवित्र माना जाता है इस महीने में रक्षाबंधन आते हैं बहन अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई बहन को रक्षा करने का आश्वासन देता है इस महीने में श्रद्धालु गंगा से गंगाजल लेकर भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं जगह-जगह मंदिरों पर जाकर फूल भांग धतूरा गंगाजल एवं अन्य फलों को चढ़ाया जाता है श्रद्धालु सावन महीने में जगह-जगह सामूहिक भंडारे लगाते हैं श्रद्धा अनुसार लोगों को भोजन एवं अन्य सामग्री दी जाती है सावन महीने में घेवर का बड़ा ही प्रचलन है हलवाई यों की दुकान पर विभिन्न प्रकार के घेवर देखने को मिलते हैं सावन महीना प्रारंभ होते ही घेवर बुरे की बहार आने लगती है सावन के महीने की शुरुआत होते ही बहन बेटियां ससुराल से मायके जाने की तैयारी करने लगती हैं गांव हो या शहर सभी जगह पेड़ों पर झूले दिखाई देते हैं सावन की मल्हार ओं के साथ झूला झूलते हुए बहन बेटियां आपको दिखाई अवश्य देगी सावन के महीने में रिमझिम बारिश आपका मन मोह लेती है चारों तरफ हरियाली दिखाई देती है फूलों की सौगंध चारों तरफ आपको दिखाई देगी मंदिरों में जय भोलेनाथ जय भोलेनाथ के नारे अवश्य सुनाई देंगे मोहब्बत की नगरी कहे जाने वाले आगरा में सावन के महीने में परिक्रमा का बड़ा ही महत्व माना जाता है लाखों की संख्या में श्रद्धालु परिक्रमा करते हैं तो वही कान्हा की नगरी में मुड़िया पुणो से ही मेला लगना प्रारंभ हो जाता है कई लाख की संख्या में श्रद्धालु कान्हा की नगरी पहुंचते हैं और मंदिरों पर जाकर राधा रानी के दर्शन करते हैं कान्हा की बांसुरी ने मथुरा को विश्वविख्यात किया है इस बार यह पवित्र महीना कुल 58 दिनों का होगा इतना लंबा सावन 19 साल बाद पड़ रहा है अतिरक्त महीना जैसे हिंदू अधिक मास या लोध अथवा पुरुषोत्तम मास मलमास के नाम से जानते हैं ज्योतिष गणना के कारण इस साल सावन को प्रभावित करेगा हिंदू पंचांग के अनुसर श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 30 अगस्त 2023 को सुबह 10: 00 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और ठीक का समापन 31 जून को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर होगा रक्षा बंधन 30 अगस्त 2023 बुधवार के दिन मनाया जाएगा

 

2023 मे सावन के पवित्र सोमवार कुल आठ पड़ेंगे

 

सोमवार निम्लिखित पवित्र तिथियाँ सममूल् पडेंगे. पहला सोमवार 10 जुलाई। दूसरा सोमवार 17 जुलाई तीसरा सोमवार 24 जुलाई चौथा सोमवार 31 जुलाई। पांचवा सोमवार 7 अगस्त छठा सोमवार 17 अगस्त सातवा सोमवार 31 अगस्त आठवा सोमवार 28 अगस्त

 

भोले को प्रसन्न करने का अच्छा मौका

सावन माहिने की विस्तृत अवधि के कारण भक्तों को इस बार दो महीने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मिलेंगे मान्यता है कि सावन का महीना और सावन के सोमवार भगवान शिव को अति प्रिय हैं सावन में एक विशेष यात्रा निकलती है जिसमें शामिल हैं भक्त पारंपरिक पोशाक पहनते हैं अपने कंधों पर कावड़ उठाकर शिवलिंग तक पहुंचाते हैं और गंगा के पवित्र जल से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं इस यात्रा को कावड़ यात्रा के नाम से जाना जाता है तीर्थ यात्रा में गंगा जैसी पवित्र नदियों तक पैदल चलना और भगवान शिव पर जल अभिषेक करना शामिल है श्रद्धालु जलाभिषेक कर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं इस महीने में भोलेनाथ के ऊपर भंग धतूरा फूल का चढ़ावा किया जाता है

 

जगह-जगह लगाए जाएंगे भंडारे सावन के महीने में श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह सामूहिक रूप से भंडारे लगाए जाते हैं जिसमें लाखों लोगों को भोजन खिलाया जाता है प्रसाद के रूप में प्रसाद ग्रहण कर श्रद्धालु भक्त लोग प्रसन्न हो जाते हैं

 

जगह जगह नाच गाना

 

कावड़ यात्रा के दौरान जगह-जगह साउंड लाउडस्पीकर डीजे लगे होते हैं जिस पर कांवर लेकर आने वाले यात्री भोलेनाथ और सावन की मल्हार ओं के साथ स्नान करते हुए दिखाई देते हैं कावड़ लेने वाले श्रद्धालु जिसमें महिलाएं में शामिल होती हैं कई वर्षों से कावड़ यात्रा में हजारों महिलाएं दिखाई देती है इससे साफ जाहिर हो जाता है कि पुरुषों से पीछे महिलाएं नहीं है वैसे तो हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं लेकिन कावड़ यात्रा में भी महिलाएं का दबदबा दिखाई देता है

 

प्रशासन ने कसी कमर

 

सावन महीने मैं कावड़ यात्रा एवं मंदिरों पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर प्रशासन द्वारा कमर कस ली गई है पुलिस अधिकारियों ने क्षेत्रीय पुलिस थानों को आदेश दिए गए हैं कि जिन लड़कों से कावड़ लेकर श्रद्धालु आते हैं उन क्षेत्रों का भ्रमण कर होने वाली सभी समस्याओं को खत्म कराएं और मांस अंडा की दुकानों को बंद कराया जाए रोड पर किसी भी तरह की कोई भी समस्या अगर मिलती है उसे तुरंत खत्म कराया जाए जिससे कावड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु अच्छी तरह से अपने स्थान तक पहुंच सकें सड़कों पर चलने वाले भारी वाहनों को रात्रि में बंद किया जाना चाहिए जैसे ईट से बड़े ट्रैक्टर ट्रॉली भूसे से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली रोड पर काफी जगह घेर कर चलते हैं उन्हें अगर बंद करा दिया जाए तो रात्रि के समय में किसी भी तरह की दुर्घटना नहीं हो सकती कई वर्षों से देखा जाता है की कावड़ यात्रा के समय ट्रैक्टर ट्रॉली में एक और भूसे वर्कर ले कर आते हैं उससे दुर्घटनाएं हो जाती हैं उस बचाव के लिए प्रशासन और पुलिस ने उन्हें उस समय बंद करने की रूपरेखा बनाई है

 

कावड़ लाने के लिए बन रही टोलियां गांव गांव शहर शहर कावड़ लेने के लिए लाखों की संख्या में लोग जाते हैं सावन महीना का प्रारंभ होने से पहले ही टोलियां बनाना प्रारंभ कर दिया गया है भक्त लोग डोलिया बनाकर गंगाजल लेने जाते हैं और गंगाजल लेकर भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं और अपने मनोकामना पूर्ण करते हैं कावड़ यात्रा का महत्व श्रवण कुमार के जीवन से चल रहा है जिस प्रकार सरवन कुमार ने अपने माता पिता को कावड़ में रखकर यात्रा कराई थी उसी को लेकर सावन महीने में भक्त लोग कावड़ लाते हैं और जिस में गंगा जल लेकर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक करते हैं

 

पेड़ों की डालियों पर पड़ गए झूले गांव गांव शहर शहर पेड़ों की डालियों पर झूले बड़े हुए हैं बहन बेटियां सावन के महीने में एकत्रित होकर झूला झूलती हैं और सावन की मल्हार ओं के साथ नाच गाना करती हैं इस महीने में बहन बेटियां एकत्रित होकर अपने मन की बात एक दूसरी सहेली से आपस में करती हैं और जीवन के दुख-दर्द सुख जीवन की चर्चा करती हैं एक यही ऐसा महीना है जहां मायके में बहन बेटियां एकत्रित होकर एक साथ दिखाई देती हैं

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