खंदौली से एत्मादपुर तक हजारो गड्डे, हर रोज राहगीर हो रहे चोटिल, नेताओं, अधिकारियों की आंखों पर बंधी पट्टी

भूपेंद्र भारद्वाज मौत

आगरा गड्ढा मुक्त सड़क, बिना रिश्वत के काम ,हर पीड़ित की समस्या का समाधान ऐसे शब्द सुनना आपके लिए कुछ अलग से नहीं दिखाई देते इन शब्दों का प्रयोग हर कोई कर लेता है लेकिन अमल में लाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी समझा जाता है हालांकि यूपी में योगी सरकार के सख्त निर्देश है कि कोई भी अधिकारी रिश्वतखोर नहीं होगा बिना गड्ढों की सड़क होगी हर पीड़ित की समस्या का समाधान होगा परंतु ऐसा असंभव होता दिखाई दे रहा है सड़कों पर हजारों गड्ढे बने हुए हैं सड़क पर बने गड्ढे मौत बांट रहे हैं हर रोज हादसा हो रहे हैं लोगों की जान चली जा रही है घरों के चिराग बुझ गए हैं लेकिन इस बात से किसी अधिकारी या नेताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ता तो वही रिश्वतखोरी की बात करें तो तमाम खबरें हर रोज आती हैं कि इस विभाग में रिश्वतखोर अधिकारियों ने रिश्वत लेकर काम किया कर्मचारियों ने रिश्वत लेकर काम किया तो वही पीड़ितों की बात करें तो उच्च अधिकारियों के कार्यालयों पर पीड़ितों की लाइन लगी रहती है अगर छोटे कर्मचारी अधिकारी हर पीड़ित की समस्या का समाधान करते रहे तो शायद अधिकारियों के दरवाजे पर कोई जाने के लिए तैयार नहीं होगा परंतु ऐसा होना असंभव की बात होती है ऐसा नहीं है कि सरकार किसी की भी हो हर सरकार में ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है वैसे तो हर नेता अपने आपको विकास पुरुष पृथ्वी पुत्र के नाम से पहचान बनाने की बात करता है लेकिन पीछे पीछे क्या चर्चाएं होती हैं यह तो जनता ही बता सकती है कुछ नेताओं और अधिकारियों के चापलूस ऐसे होते हैं जो उनकी वाह वाह करते दिखाई देते हैं लेकिन पीछे क्या चर्चा है इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं होती एत्मादपुर विधानसभा इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बन चुकी है इस विधानसभा में अलग-अलग कई गुट सक्रिय हैं जो राजनीति करते हैं कौन किसका समर्थक है किसी को जानकारी नहीं केवल अपने काम निकालने के लिए हर कोई गुट में शामिल होना चाहता है कुछ लोग इस राजनीति को चापलूसी भी कहते हैं काम की बात करें तो तमाम रास्ते ऐसे हैं जहां आने जाने वालों को मौत मिलती है एत्मादपुर से खंडोली जाने वाला रास्ता हर कोई जानता है कितनी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन किसी पर कोई फर्क नहीं पड़ता सावन के महीने में बारिश के कारण रोड पर 3344 फीट पानी भर जाता है बड़े-बड़े करते हैं उन गड्ढों में हर रोज हादसे होते हैं और लोगों की जान चली जाती है अगर समय रहते इस रोड पर काम हो जाता तो शायद लोगों की जान नहीं जाती सड़क हादसा होने के कारण पुलिस को परेशानियों का सामना करना पड़ता है इस बात का कौन दोषी है कि सड़क पर इतने गड्ढे हैं विभागीय अधिकारियों और नेताओं की आंखें बंद है उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता सड़क के किनारे बसे गांवों के लोगों का जीना दुश्वार हो चुका है आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है लेकिन बताया जाता है कुछ चुनावी गणित के कारण इन गांवों के आसपास की सड़कों का बुरा हाल इसलिए है कि वह अन्य पार्टियों के मतदाता हैं या फिर अन्य किसी के समर्थक हैं हालांकि कुछ नेता सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की भी राजनीति करते हैं लेकिन उन पर भी कोई न कोई दबाव आने के कारण वह भी अलग हो जाते हैं मुड़ी चौराहे से खंडोली के बीच निकलना लोगों का दुश्वार हो जाता है अगर जिस दिन बारिश हो जाती है उस दिन तो कम से कम दो-चार दर्जन लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है गाड़ी से निकलना तो दूर की बात पैदल निकलना भी दुश्वार है लेकिन आसपास के लोग मजबूरन उस रास्ते से निकलते हैं और हर रोज समस्या का सामना करते हैं इस रोड की ऐसी हालत का जिम्मेदार कौन है कोई जिम्मेदारी नहीं लेने को तैयार होता है जब बड़ा हादसा होता है तो केवल इतना कहा जाता है कि अरे हादसा हो गया हादसा क्यों नहीं हो जब सड़कें ही तालाब अधिकारी और नेताओं की आंखें बंद हो उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता हो तो आम जनता का जीवन तो नरक में होना निश्चित हो जाता है यह कोई एक सड़क की जिले के अंदर तमाम सड़कें ऐसी हैं जहां हड़प्पा तलैया बनी हुई है जो इस रोड से निकल जाता है उसे भगवान याद आ जाते हैं

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