लखनऊ बसपा सुप्रीमो ने मनाया 52 वां जन्मदिन
-न्यायपालिका का आपस में भिड़ना चिंता का विषय : मायावती*
लखनऊ, बसपा प्रमुख मायवती ने कहा है कि न्यायपालिका का आपस में भिड़ना चिन्ता की बात है। मायावती आज अपने 62 वें जन्म दिवस के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं ।
उन्होंने कहा कि ‘भारतीय संविधान के निर्माता डा. भीमराव आम्बेडकर ने यह ठीक ही कहा था कि कोई भी संविधान अच्छा या बुरा नहीं होता बल्कि संविधान का अच्छा या बुरा होना इस बात पर निर्भर करता है कि उस पर अमल करने वाले लोग कैसे हैं। उनकी नीयत अच्छी है या बुरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार, बीजेपी और एन.डी.ए. की सरकार ना होकर पूरे तौर से राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की सरकार होकर रह गई है। उसकी नफरत व विघटनकारी सोच के मुताबिक ही अब संवैधानिक व लोकतांत्रिक संस्थानों को भी किसी न किसी प्रकार से प्रभावित करके हर वह काम करने की कोशिश केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है। यह संविधान की मंशा के खिलाफ है तथा उसकी पवित्रता को भंग करता है।’ उन्होंने कहा कि ‘ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति में देश की संवैधानिक व लोकतांत्रिक संस्थायें अपनी असली ज़िम्मेदारी किस हद तक निभा पायेंगी यह तो आगे आने वाला वक्त ही बतायेगा। लेकिन, यह भी एक ऐतिहासिक सच है कि एक समय में जब विपक्ष लगभग ना के बराबर रह गया था, तब उस समय न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका अदा कर रहा था और देश निश्चिन्त था कि अपने देश में लोकतंत्र की जड़ें काफी मजबूत हैं, लेकिन अब न्यायपालिका खुद ही आपस में भिड़ी हुई है जो कि काफी चिन्ता की बात है।’ गौरतलब है कि शुक्रवार को दिल्ली में उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुये प्रेस कांफ्रेस की जिसमें कहा कि शीर्ष अदालत में ‘सब कुछ ठीक नहीं’ है और अनेक ‘अपेक्ष