दिल्ली देश छोड़कर भागा घोटाला बाज नीरज
*lPNB स्कैम: देश से भागने वाले आरोपी का नाम PM मोदी ने भाषण में क्यों लिया था…*
“मैं किसी के लिए बुराई नहीं कर रहा हूं. लेकिन बैंक से ज्यादा उसको अपने सुनार पर भरोसा है. वो बड़े से बड़े ज्वेलरी के शोरूम में जाएगा, लाने के बाद अपने सुनार के यहां कहेगा, जरा चेक करले भाई. कितना ही बड़ा शोरूम होगा. हमारे मेहुल भाई यहां बैठे हैं. लेकिन जाएगा वो अपने सुनार के यहां.. जरा भाई चेक करो, मैं ले तो आया हूँ”– नरेंद्र मोदी
ये 38 मिनट 40 सेकेंड के उस वीडियो की चंद लाइनें हैं, जिसे 5 नवंबर 2015 को रिकार्ड किया गया था. मौका था सोने से जुड़ी तीन स्कीमों को लॉन्च करने का, जो दिल्ली के सात रेस कोर्स रोड पर लॉन्च की गईं. इस योजना को लॉन्च करने वाले थे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इस मौके पर जूलरी कारोबार से जुड़े लोगों के अलावा सरकार के कई मंत्री और अधिकारी भी मौजूद थे.
ये रहा वीडियो, अगर कोई शंका हो, तोयहां क्लिक करके BJP के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर ये वीडियो देख सकते हैं. जिसके 26:50 मिनट पर PM मोदी ‘मेहुल भाई’ का नाम ले रहे हैं.
अब इस तस्वीर को देखिए. तस्वीर स्विट्जरलैंड के दाओस की है. दाओस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का 48वां अधिवेशन था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसमें शिरकत करनी थी. उनके साथ भारत से एक प्रतिनिधिमंडल भी दाओस गया था. इस प्रतिनिधिमंडल में नीरव मोदी भी शामिल थे, जो तस्वीर में लाल घेरे में दिख रहे हैं.
इन दोनों घटनाओं का जिक्र जरूरी है. जरूरी इसलिए कि देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक में देश का अब तक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला सामने आया है. इस घोटाले के जो दो मुख्य सूत्रधार हैं उनमें पहला नाम नीरव मोदी और दूसरा नाम मेहुल चौकसी का है.
नीरव मोदी (बाएं) के मामा बताए जा रहे हैं मेहुल चौकसी.
ये तस्वीरें और वीडियो उतने ही सच हैं, जितना ये सच है कि पंजाब नेशनल बैंक में अब तक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला हुआ है. घोटाले की अभी तक की रकम 11,345 करोड़ रुपये की है. ये तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने शुरू हो चुके हैं, लेकिन वीडियो में नाम लेने या फिर साथ में फोटो खिंचाने से पीएम मोदी की जिम्मेदारी नहीं तय हो सकती. वो इसलिए क्योंकि सीबीआई के केस दर्ज करने यानी कि 29 जनवरी, 2018 से पहले तक नीरव मोदी हों या फिर मेहुल चौकसी, दोनों ही इस देश के बड़े उद्योगपतियों में शुमार थे.
लेकिन एक बात पर सरकार पर जिम्मेदारी आती है. 26 जुलाई, 2016 को हरि प्रसाद की ओर से पीएमओ को लिखे खत का जिक्र आता है, वहां पीएम और उनके ऑफिस की जिम्मेदारी तय हो जाती है.
ऐसा इसलिए है, क्योंकि गोल्ड स्कीम की लॉन्चिंग के दौरान यानी 5 नवंबर, 2015 को पीएम मोदी बाकायदा मेहुल चौकसी का नाम लेते हैं. बड़े उद्योगपति हैं, तो जाहिर सी बात है कि लोग उन्हें जानते होंगे. पीएम मोदी भी उनसे वकिफ ही होंगे. अगर नहीं होते, तो नाम का जिक्र ही नहीं करते. अब इसी उद्योगपति के खिलाफ 26 जुलाई, 2016 को हरि प्रसाद एक पत्र लिखते हैं और पीएमओ को भेजते हैं. पत्र में वो जिक्र करते हैं कि मेहुल चौकसी देश के अगले विजय माल्या, सुब्रत रॉय सहारा या फिर रामालिंगम राजू हो सकते हैं.
पत्र पीएमओ को मिलता है, कार्रवाई नहीं होती है. रिमाइंडर भेजने पर पता चलता है कि पत्र को महाराष्ट्र में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में भेज दिया गया है. वहां से जवाब आता है कि शिकायत का निस्तारण कर दिया गया. लेकिन पूरा खेल इसी में है. न तो पीएमओ ने और न ही रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने शिकायत को गंभीरता से लिया.
करीब डेढ़ साल बाद जनवरी 2018 में इस घोटाले का पता चलता है. वो भी तब जब 16 जनवरी, 2018 को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पंजाब नेशनल बैंक से संपर्क करते हैं. बैंक को घोटाले का पता चलता है, तो उसके 13 दिन बाद 29 जनवरी को बैंक सीबीआई तक पहुंचती है. 30 जनवरी को सीबीआई केस दर्ज करती है और फिर मामले की जांच शुरू होती है, जिसकी रकम 280 करोड़ रुपये की है. इस जांच के दो हफ्ते बाद 14 फरवरी को सीबीआई को बैंक बताता है कि ये घोटाला सिर्फ 280 करोड़ रुपये का ही नहीं, 11,345 करोड़ रुपये का है. जब सीबीआई को रकम बढ़ती हुई दिखाई देती है तो वो ऐक्शन लेना शुरू करती है. लेकिन इस बीच पता चलता कि नीरव मोदी, उनकी पत्नी अमी नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और नीरव के भाई निशाल मोदी देश छोड़कर फरार हो चुके हैं.
अब कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगा रही है. बीजेपी कांग्रेस पर आरोप लगा रही है. दोनों एक दूसरे के ऊपर मुद्दे को टालने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन हकीकत ये है कि नीरव मोदी देश से 11,345 करोड़ रुपये लेकर फरार हो चुका है और इसकी जिम्मेदारी से सरकार किसी भी हाल में बच नहीं सकती है.