मध्य प्रदेश उपचुनाव की मतगणना कल किसके सिर होगा ताज
..उपचुनाव का रिजल्ट कल, दांव पर सिंधिया-शिवराज की साख..
क्या रिजल्ट से प्रभावित होगी प्रदेश की राजनीति
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मध्य प्रदेश के मुंगावली और कोलारस विधानसभा उपचुनाव की मतगणना 28 फरवरी को सुबह 8 बजे से होगी। दोनों ही सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में रहा है| सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा यह उपचुनाव दोनों ही पार्टियों की दशा और दिशा तय करेगा| दोनों ही तरफ से चुनाव में पूरी ताकत झोंकी गई है| सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की साख इस चुनाव में दाव पर है| दोनों दिग्गजों ने जनता के बीच पहुंचकर अपने प्रत्याशी के लिए वोट मांगे हैं| अब देखना होगा जनता ने किसे अपना मत दिया है| पहले राउंड की गणना का परिणाम 9 बजे प्राप्त होगा और दोपहर तक स्तिथि साफ़ हो जायेगी| कोलारस के वोटों की गिनती 23 और मुंगावली में मतों की गणना 19 राउंड में होगी। कोलारस में 22 और मुंगावली में 13 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला तय होगा। कोलारस में मतगणना शासकीय आईटीआई कॉलेज तथा मुंगावली में वोटों की गिनती अशोकनगर स्थित शासकीय नेहरू डिग्री कॉलेज में होगी। दोनों उपचुनाव के वोटों की गिनती के लिये 14-14 टेबल लगाई जायेंगी। दोनों स्थानों पर उपचुनाव के लिए 24 फरवरी को मतदान हुआ था। कोलारस में 70़ 46 प्रतिशत और मुंगावली में 77.05 फीसदी मत डाले गए थे। कोलारस में दो लाख 44 हजार 457 मतदाताओं में से एक लाख 72 हजार 115 ने वोट डाले। मुंगावली में एक लाख 91 हजार नौ मतदाताओं में से एक लाख 47 हजार 164 ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
हर विधानसभा में रोज होती थीं 70 सभाएं..
19 जनवरी को उपचुनाव की आचार संहिता लगने के बाद 1 फरवरी से दोनों दलों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया था। दोनों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस एवं भाजपा की ओर से ताबड़तोड़ सभाएं होती थी। भाजपा के 18 मंत्री, मुख्यमंत्री, 2 सांसद, एक केंद्रीय मंत्री एवं 40 विधायकों को चुनाव में उतारा। इसी तरह कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया एक महीने तक लगातार चुनाव मैदान में रहे। आखिरी के दस दिन तक उन्होंने ताबड़तोड़ सभाएं की। कांग्रेस की ओर से एक दर्जन विधायक मौजूद थे। साथ ही अन्य नेता भी प्रचार के लिए गए थे। हालांकि उपचुनाव में भाजपा की ओर से ज्यादा सभाएं एवं रोड़ शो किए गए थे। दोनों विधानसभा क्षेत्र में नेताओं की भरमार रही। 5 फरवरी के बाद से एक विधानसभा क्षेत्र में रोजाना औसतन 70 सभाएं, रोडशो एवं नुक्कड़ सभाएं होती थी। इसके बावजूद भी मतदान का पिछला रिकॉर्ड नहीं टूटा।
जमकर हुआ आचार संहिता का उल्लंघन..
आमतौर पर चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा आचार संहिता का पालन नहीं करने को लेकर एक-दूसरे के खिलाफ आरोप लगाए जाते हैं। लेकिन कोलारस एवं मुंगावली उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा ने जमकर आचार संहिता का उल्लंघन किया। चुनाव आयोग आचार संहिता उल्लंघन के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को दोषी ठहरा चुका है। जबकि मंत्री माया सिंह पर भी आचार संहिता तोड़ने का आरोप है। इससे पहले मंत्री गौरीशंकर बिसेन पर आचार संहिता तोड़ने के आरोप लगे थे। संभवत: प्रदेश के इतिहास में यह पहला फैसला है जब किसी मुख्यमंत्री को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सालों बाद दोषी ठहराया गया है।
कांग्रेस के कब्जे में थी दोनों सीटें ..
कोलारस में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी देवेंद्र जैन और कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह यादव के बीच है। वहीं मुंगावली में भाजपा ने बाईसाहब यादव और कांग्रेस के बृजेन्द्र सिंह यादव मैदान में हैं| दोनों ही सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था, कोलारस में कांग्रेस के रामसिंह यादव और मुंगावली से पार्टी के ही महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के निधन के कारण उपचुनाव हो रहे हैं।
14 साल में 27 उपचुनाव: BJP 19 जीती, 7 कांग्रेस, सिंधिया के गढ़ में हमेशा हारी भाजपा ..
प्रदेश में 14 साल के भाजपा शासन काल में अभी तक 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, जिनमें से भाजपा ने 19 सीटों पर जीती, जबकि कांग्रेस महज 7 सीट ही जीत पाई। जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी ने जीती थी। उपचुनाव में खास बात यह ही है कि अभी तक कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर-चंबल में 3 उपचुनाव हुए हैं और तीनों पर कांग्रेस जीती है। 2007 में इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट ने जीत दर्ज की थी। आमतौर पर उपचुनाव में ऐसा माना जाता है कि सत्तारूढ़ दल के चुनाव जीतने की ज्यादा संभावना रहती है। निर्वाचन आयोग के अनुसार भाजपा शासनकाल में 2004 से 2017 के बीच 27 उपचुनाव हो चुके हैं। जिनमें 19 चुनावों पर भाजपा जीती। वर्ष 2007 में शिवपुरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्र रघुवंशी ने जीत दर्ज की थी। इसी समय इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट ने जीती। इसके बाद 2009 में भिंड जिले की गोहद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के रणवीर जाटव जीते। पिछले साल भिंड में अटेर विधानसभा उपचुनाव भी कांग्रेस के हेमंत कटारे ने जीता। 24 फरवरी को जिन दो विधानसभा सीट कोलारस एवं मुंगावली में उपचुनाव हुए हैं, वे भी कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में है। यहां दोनों दलों के बीच चुनाव में कड़ी टक्करर रही है।