आगरा चौकी को खरीदते हैं खनन माफिया कीमत साडे तीन हजार
साडे तीन हजार रुपए में बिकती है आबलखेड़ा चौकी
चौकी को खरीदते हैं खनन माफिया हर रात की कीमत अलग अलग
रात्रि 11बजे से शुरू होता है मिट्टी खनन
आगरा पुलिस कप्तान अमित पाठक कितने भी तेज तर्राक क्यो न हो लेकिन कुछ खाकी धारी दरोगाओं के सामने पुलिस कप्तान बौने साबित हो रहे हैं कई बार मामले सामने उजागर होने के बावजूद भी पुलिस कप्तान ने न कार्रवाई करते हुए उनके हौसले और बुलंद कर दिए हैं मामला थाना बरहन की चौकी आबलखेड़ा ओर थाना खन्दोली का है आबलखेड़ा चौकी एक रात के लिए साढे तीन हजार रुपए में बेची जाती है इसको खरीदने वाले कोई और नहीं खनन माफिया हैं खनन माफिया खनन करने के लिए चौकी की बोली लगाते हैं और उसके बाद खनन करते हैं आबलखेड़ा चौकी साडे तीन हजार में बिक जाती है और पूरी रात खनन होता है यह खनन रात्रि 11 बजे से प्रारंभ होकर सुबह 5 बजे तक चलता है रात्रि में जितनी मिट्टी डाली जाए डाल लो उसके बाद दूसरे दिन फिर बोली लगती है और काम दोबारा से प्रारंभ होता है थाना खन्दौली के गांव पैसई में बहुत दिनों से खनन चल रहा है यह खनन की मिट्टी कई गांवों में डाली जाती है थाना खन्दोली की पुलिस महीने के हिसाब से पहले ही बिक जाती है उसके बाद आबलखेड़ा चौकी का नंबर आता है क्योंकि आबलखेड़ा क्षेत्र अति संवेदनशील क्षेत्र में आता है इसलिए यहां मिट्टी डालने का भाव बडा ऊंचा है यहां की रेट हर रोज नए सिरे से तय होती हैं एक ट्रैक्टर ट्रॉली की कीमत 500 से ₹600 होती है जबकि अन्य गांवों में उसी ट्रैक्टर ट्रॉली की कीमत ₹200 से ₹300 होती है क्योंकि थाना खन्दौली की पुलिस हर महीने के हिसाब से बिकती है और आबलखेड़ा चौकी हर रोज बोली लगाकर बेची जाती है इस क्षेत्र में मिट्टी लाने वाले ने नाम न छापने की बात पर बताया कि पुलिस हमसे प्रत्येक रात के हिसाब से साडे तीन हजार रुपए लेती है चाहे एक ट्रैक्टर चलाएं चाहे 10 दूसरे दिन अगर मिट्टी डालेंगे तो दोबारा रेट तय किए जाएंगे जबकि पुलिस कप्तान कहते हैं कि कोई भी पुलिसवाला किसी काम के पैसे नहीं लेगा फिर भी आबलखेड़ा चौकी और खन्दौली की पुलिस दिन रात लूट खसूट में लगी हुई है