आगरा एत्मादपुर में फिक रहे लाखों के दाब, पेड़ के नीचे खुले में चल रहा जूआ
एत्मादपुर में फिक रहै लाखों के दाब पुलिस मौन थाने पर पहुंच रही महीने दारी
खुलेआम पेड़ के नीचे हो रहा जूआ आगरा थाना एत्मादपुर के गांव चाबली और घड़ी जस्सा के बीच खेतों में एक पेड़ के नीचे जूआ की महफिल सजाई जाती है इस जुए में आगरा शहर से लेकर देहात तक के कई गांवों के जुआ खेलने आते हैं लगभग एक महीने से जूआ का खेल चल रहा है कई बार पुलिस से जूआ के बारे में जानकारी दी लेकिन पुलिस का एक ही रटा सा उत्तर क्या करें हम लोग वीआईपी ड्यूटी मैं लग जाते हैं हमारे पास इतना पुलिस बल नहीं है कि हम जूआ को पकड़ सके पुलिस भी मान रही है कि यह जूआ छोटा मोटा जूआ नहीं है बल्कि इस खेल में हर रोज कई लाख के बारे न्यारे होते हैं कई दर्जन लोग इस जुए में खेलने के लिए शामिल होते हैं जूआ के इर्द गिर्द किलोमीटर एरिया में बाइकों पर सवार उनके नजरबंद आदमी लगे रहते हैं जो मोबाइल से लोकेशन देते हैं कि पुलिस या कोई भी संदिग्ध व्यक्ति उस तरफ दिखाई दे तो उन्हें तत्काल सूचना दी जाए सूचना देने वाले व्यक्ति को ₹200 मोबाइल रिचार्ज ₹200 पेट्रोल और ₹500 प्रतिदिन के हिसाब से रुपए मिलते हैं जबकि एक जुआरी से हमने जानकारी की तो उसने दबी आवाज में बताया कि जूआ पुलिस की देखरेख में चल रहा है अगर कोई भी अधिकारी इस तरह आता है तो पुलिस ही फोन कर बता देती है कि जूआ पकड़ने के लिए कोई अधिकारी आ रहा है क्षेत्राधिकारी से दो बार बात की गई तो उन्होंने भी यही जवाब दिया कि जानकारी है कि जूआ कई दिनों से चल रहा है लेकिन अभी पकड़ में नहीं आ रहा हम किसी अन्य थाने की टीम को जूआ पकड़ने के लिए लगाएंगे शुक्रवार को हमारी टीम जूआ चल रहे स्थल से एक खेत दूर पहुंची और अपने कैमरे में जूआ का सारा खेल कैद किया जुआ का खेल कैमरे में कैद होने के बाद इस्पेक्टर: एत्मादपुर को फोन किया तो उन्होंने बताया कि मैं तो इस समय छुट्टी पर हूं वहीं हल्का के दरोगा अमर सिंह चन्देल से फोन पर बात की गई तो दरोगा ने बताया कि हमें जानकारी है कि जूआ चल रहा है लेकिन गाड़ी थी वह सांसद कठेरिया के प्रोग्राम में चली गई हम कैसे जा सकते हैं किसी दिन देखेंगे अकेले पकड़ में जूआ नहीं आ सकता इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिरकार कई बार जूआ की सूचना देने के बाद भी खाकी इतनी हल्की चल रही है क्या है चांदी का जूता उनके मुंह पर जुआरी मार रहे हैं इसलिए खाकी चुपचाप अपना काम करने में लगी हुई है अगर चांदी का जूता उनके मुंह पर नहीं पड़ रहा होता तो खाकी तुरंत हरकत में आती और महीने भर से चल रहे लाखों के जुए को तुरंत बंद करा देती