आगरा बघेल आते ही हाथी +साइकिल की चाल हुई धीमी, सोनी को लगानी पड़ेगी कॉपी लोनी जीत आसान नहीं
बघेल टिकट हाथी की चाल में रोड़ा
कठेरिया की टिकट कटते ही क्षेत्र में उत्साह
30% बघेल को मिलेगा यादव वोट
सपा के समय से बघेल का रहा है क्षेत्र में संबंध
आगरा सांसद टिकट पर कई दिनों से गर्माहट चलने के बाद भाजपा ने आखिरकार गुरुवार की शाम होली के दिन किसी की झोली में तो रंग बरसा दिए तो किसी के चेहरे के रंग फीके कर दिए अपने पत्ते खोल दिए और एसपी सिंह बघेल को आगरा सुरक्षित से दावेदार घोषित कर दिया प्रोफेसर सांसद कठेरिया का विरोध काफी दिनों से चल रहा था लेकिन मोदी लहर के चलते कठेरिया को जीत हासिल हुई विधानसभा चुनावों में भी राजनाथ की सभा के दौरान लोगों ने कठेरिया का काफी विरोध किया उसी दिन से नेताओं की नजर में कठेरिया की उल्टी गिनती प्रारंभ हो गई थी सूत्रों के अनुसार कुछ भाजपा के नेता कठेरिया की नीम में दीमक की तरह लग चुके थे और धीरे धीरे जड़ को खोखला कर दिया नतीजा निकला कि कठेरिया की टिकट काट दी गई वैसे तो अनुमान यह भी था कि फिरोजाबाद से सर्कुलर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए एसपी सिंह बघेल अपनी दावेदारी आगरा के लिए कर रहे थे उन्होंने पहले से ही अपने काम पुरे कर लिए क्योंकि धनगर समाज का प्रमाण पत्र एसपी सिंह बघेल के पास था चर्चा काफी दिनों से गर्मा रही थी कि आगरा से एसपी सिंह बघेल चुनाव लड़ेंगे 70% उस समय साफ हो गया जब सांसद कठेरिया ने एत्मादपुर स्तिथ होटल में आगरा और फिरोजाबाद के पत्रकारों की प्रेस वार्ता बुलाई प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों ने पूछा कि चर्चा है कि आगरा से आपकी टिकट काटी जा रही है तो कठेरिया ने जवाब दिया कर आगरा से टिकट कट जाएगी अन्य जगह बहुत हैं इसी से अनुमान था के कठेरिया के मन में भी टिकट कटने का डर सता रहा है खुलासा यह भी हुआ है कि आगरा से जीते हुए नौ विधायकों में से गुप्त रिपोर्ट के अनुसार 8 विधायकों ने कठेरिया के विरोध में भाजपा को अपने पत्र लिखे हैं सांसद और विधायकों की गुटबाजी तो हर रोज क्षेत्रों में देखने को मिल रही थी लोगों में काफी चर्चाएं बनी हुई थी लेकिन टिकट घोषित होने के बाद सभी चर्चाएं खत्म हो गई और जिन जिन जगहों पर कठेरिया को काले झंडे दिखाए गए उन गांवों में टिकट घोषित होते ही मिठाइयां वितरण की गई अब अनुमान लगाया जा रहा है के सपा बसपा गठबंधन के प्रत्याशी मनोज सोनी को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी तब जाकर दूसरे प्रत्याशी तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है जबकि कठेरिया की टिकट अगर घोषित हो जाती तो मनोज सोनी की जीत आसानी से होती अब आंकड़ा बदल गया सोनी को लोनी काफी लगानी पड़ेगी तब जाके मुकाम तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है लेकिन जीत फिर भी हाथ में नहीं है एसपी सिंह बघेल को टिकट मिलने से क्षेत्र में एक नया माहौल पैदा हो गया है सपा सरकार से ही एसपी सिंह बघेल के क्षेत्र में लोगों से काफी मधुर संबंध थे आपको बता दें कि आगरा में केवल एसपी सिंह बघेल एक ऐसा नेता है जिसको एत्मादपुर विधानसभा के प्रत्येक गांव के नाम उंगलियों पर रखे हुए हैं और प्रत्येक गांव के 10 20 लोगों के नाम भी जुबां पर हर समय रहते हैं बघेल का क्षेत्र में काफी समय से संबंध बना आ रहा है सपा बसपा गठबंधन के यादव वोटों की बात करें तो यादव समाज के लोगों से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि यादव समाज के 30% वोट एसपी सिंह बघेल के लिए जाएंगे यह कोई तूफानी बात नहीं है 100% सही बात है नहीं तो आने वाला समय अपने आप बता देगा कोई यह हवा हवाई बात नहीं की जा रही क्योंकि एसपी सिंह बघेल कोई ऐसा प्रत्याशी या नया प्रत्याशी नहीं है जिस गांव में एसपी सिंह बघेल चले जाएं उस गांव में 1020 लोग उनके साथ हो जाते हैं जबकि गठबंधन का प्रत्याशी बाहर का प्रत्याशी है इसका विरोध अंदर ही अंदर चल रहा है उजागर होकर इसलिए नहीं आ रहा कि गठबंधन के लोग जाएं तो कहां जाएं एक और अनुमान लगाया जा रहा था कि अगर सर्कुलर मोर्चा से कोई प्रत्याशी आता तो यादव वोट उसको भी मिलता सपा और बसपा के मुखिया द्वारा गठबंधन कर लिया गया है लेकिन वोटरों का गठबंधन उनके इशारे पर ही नहीं चलता गांव क्षेत्रों के लोग उस प्रत्याशी को भी वोट देते हैं जो उनके काम आ सके क्योंकि वोटर काम आने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक नहीं पहुंच सकता और नहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष उनके काम आ सकता काम तो क्षेत्र में काम करने वाले ही नेता आएंगे सपा बसपा गठबंधन के प्रत्याशी मनोज सोनी का आगरा लोकसभा सीट से कोई पुराना नाता नहीं है लेकिन एसपी सिंह बघेल का इस सीट से पुराना नाता है और क्षेत्र में जान पहचान भी है जो बोट कठेरिया के विरोध में गठबंधन प्रत्याशी को मिल रहा था जो वोट बीजेपी का था वह वोट अब गठबंधन प्रत्याशी को न मिल कर भाजपा प्रत्याशी के लिए ही जाएगा और उल्टा यह हो गया कि 30% वोट गठबंधन प्रत्याशी का भाजपा प्रत्याशी की तरफ लौट कर आएगा इससे अनुमान लगाया जाता है कि जीत का आंकड़ा हजारों की संख्या से ऊपर जा सकता है हमने कई भाजपा के लोगों और गठबंधन के लोगों से बात की और क्षेत्र की जनता से भी बात की तो उन्होंने साफ कह दिया कि गठबंधन का प्रत्याशी नया है हम उसे वोट देंगे लेकिन पहचाने गा नहीं और भाजपा का प्रत्याशी हमें पहचानता है अगर हम उसको वोट भी नहीं देते तो भी जान पहचान और पुराना प्रत्याशी है इसी बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि लोगों के दिमाग में क्या चल रहा है नतीजा तो तभी साफ होगा जब वोट पड़ने के बाद मामला खुल कर सामने आ जाएगा लेकिन यह साफ जरूर हो गया के कठेरिया अपने दिमाग में कुछ भी समझे लेकिन उनकी नीव में दीमक जरूर लग गई है और एक और चर्चा है कि कठेरिया गुट के एक और नेता की नीव में दीमक लग रही है चुनाव होने के बाद उस पेड़ को भी भाजपा के लोग गिराने की तैयारी में है डेस्क रिपोर्ट भारत TV आगरा