आगरा लेखपाल चिड़िया मारने के लेते हैं 2 रुपये
एत्मादपुर तहसील समाधान दिवस में जब फरियादी फरियाद लेकर जिलाधिकारी के सामने पहुंचे। तो फरियादियों की फरियाद सुन कर जिलाधिकारी भी गरम हो गए। शिकायतकर्ताऔ का आरोप तहसील के लेखपाल 200 रुपये लेकर कागजों पर चिड़िया मारते हैं। बिना रुपए लिए कोई भी काम लेखपाल नहीं करते। वही बकील भी लेखपालों पर बिना रुपए लेकर काम न करने का आरोप लगाते रहे। शिकायतों को सुनकर जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार काफी नाराज हो गए। आपको बता दें कि जितने भी आरोप लगाए गए हैं। बिल्कुल सही है। गांवों में लेखपालों ने किसानों का जीना दुश्वार कर दिया है। बिना रुपए के कोई भी लेखपाल काम नहीं करता। जितने भी ग्राम पंचायतों में झगड़े होते हैं। जो जमीनी संबंधी हैं। वो लेखपालों की देन है। जो रुपए किसान देता है। उसके पक्ष में काम कर देते हैं। और दूसरे के पक्ष में नहीं। जहां तककि उपजिलाधिकारी का भी आदेश उनके लिए कोई मायने नहीं रखता। वही हाल खाकी का भी है। तहसील के आदेश को भी खाकी नजरअंदाज करती रहती है। और झगड़े बढ़ते रहते हैं। रुपए लेने का सिलसिला लेखपालों का जारी है। कई बार लेखपालों के रिश्वत लेने की वीडियो वायरल हुए हैं। लेकिन उनके ऊपर हल्की कारवाई कर मामला निपटा दिया जाता है। जिलाधिकारी के तेवर को देखकर लग रहा था। कि कोई न कोई तहसील से निपटने वाला है। लेखपालों की रिश्वतखोरी उपजिलाधिकारी एत्मादपुर अमरीश कुमार बिंद पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है