वाराणसी भ्रष्टाचारी मंडी के चार अधिकारी निलंबित
*भ्रष्टाचार में लिप्त मंडी के चार अधिकारी निलंबित ,हड़कम्प*
✍🏻ठेकेदारों से मिलीभगत कर सरकार को लगाया 6 करोड़ का चूना, एफआईआर दर्ज कर ब्याज समेत वसूली का निर्देश।
वाराणसी। मुख्यमंत्री के अधीन विभाग मंडी परिषद में घोटाले बाजी करना तत्कालीन डीडीसी , लेखाधिकारी समेत 4 अधिकारियों को जाँच में दोषी पाए जाने पर शासन ने आज निलंबित कर दिया। बोगस कार्य के बदले लगभग 6 करोड़ का भुगतान प्राप्त करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए उनसे ब्याज समेत वसूली करने का भी निर्देश जारी किया गया है।lnp मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 में मंडी के अंदर सुपर मार्केट, दुकानें, नाली सड़क आदि विभिन्न कार्यों के लिए लगभग 19 करोड़ का कार्य स्वीकृत हुआ। जिसे 2017 तक बन जाना था। lnpतय समयावधि के बावजूद अधिकांश कार्य हुए ही नहीँ। जबकि मौके पर कार्य पूर्ण दिखाकर कागजी खाना पूर्ति करते हुए मिली भगत कर पूरा भुगतान करा लिया गया। बीते वर्ष 2 जुलाई 2019 को नए उप निदेशक ( निर्माण ) डीडीसी रामनरेश सोनकर ने कार्य भार सम्भाला तो जांच में भ्रष्टाचार का खेल उजागर होने लगाlnp उन्होंने तत्काल इस बात की शिकायत मंडी निदेशक लखनऊ से करते हुए उच्चाधिकारियों को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी। मामला मुख्यमंत्री कार्यालय गया तो गोपनीय जांच शुरू हो गई।इसी बीच शासन ने संयुक्त निदेशक ( निर्माण ) पीसी जैन, लेखाधिकारी अजय साहू, प्रभारी डीडीसी अभय जैन, सहायक अभियंता विनोद सिंह ( लखनऊ ) की 4 सदस्यीय सयुंक्त कमेटी से जाँच कराई तो सभी दोषी पाए गए। रिपोर्ट मिलने के बादlnp तत्कालीन डीडीसी रमेश कुमार वर्मा, पूर्व डीडीसी विमलेश मिश्र, अवर अभियंता सुनीता, लेखाधिकारी सिद्ध गोपाल कुरील को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। lnpइस बात की पुष्टि खुद जांच अधिकारी व उपनिदेशक निर्माण रामनरेश सोनकर ने करते हुए बताया कि अभी तो बड़ी मछलियों को भी पकड़ना है। lnpमंडी में व्यापक भ्रष्टाचार की खबरें आती रही हैं अब ऐसा करने वाले कदापि नहीं बच पाएंगे। दुकानों के निर्माण के लिए डेढ़ करोड़ का सरिया का फर्जी भुगतान किया गया है। इसी तरह ठेकेदारों नेlnp नब्बे लाख का एक अन्य भुगतान बिना कार्य के तथा टाइल्स लगाये बिना पूरा भुगतान ले लिया।lnp यहां बता दें कि उस दौर में यहां एक अन्य डीडीसी हिमांशु शेखर त्रिपाठी भी रहे जिनके खिलाफ भी कई गम्भीर आरोप लगे थे।वह जांच भी अभी चल रही है।lnp यहां बता दें कि पूर्व में कई बार काशीवार्ता ने मंडी के भ्रष्टाचार की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की थी अब उसका असर भी दिखने लगा है।डॉक्टर लोकनाथ पांडेय।।