आगरा पुलिस की लाखों रुपए की महीने दारी कमाई एक सिपाही पर ठेकेदारी

अवैध बस अड्डे से पुलिस की लाखों की कमाई 1एत्मादपुर थाने के एक सिपाही पर पैसा इकट्ठा करने का ठेका !
2 लगभग 5 लाख महीने की कमाई
कोई अधिकारी बोलने को नहीं होता है तैयार
3 -4500 हजार बस 3 हजार महीने छोटी गाड़ी
आगरा – सरकार किसी की भी हो लेकिन पुलिस का अवैध कारोबार कभी नहीं रूक सकता जिले में अधिकारी कितने भी तेज तर्रार आ जाएं फिर भी खाकी की महीनेदारी पर कोई रोक नहीं लग सकती आगरा के पुलिस कप्तान बबलू कुमार इतने तेज तर्रार हैं! कि उनके डर से खाकी पसीना देने लगती है! परंतु कुछ थानों में खाकी उनके डर का भय नहीं मानती! जिलाधिकारी भी तेजतर्रार होने के बावजूद भी शहर से लेकर देहात तक पुलिस के अवैध कारोबार पर रोक नहीं लग पा रही! कहीं लेखपाल गरीबों से रिश्वत लेते हुए मिलते हैं ! तो कहीं खटिया पर आराम फरमाते हुए पुलिस अवैध वसूली करते हुए दिखाई देती है! आखिरकार इनको कोई कार्रवाई का डर नहीं! पिछली सरकारों पर आरोप लगते थे! कि इनकी सरकार में सब अवैध धंधे होते हैं! लेकिन इस समय भी कोई काम नहीं रुक रहा! अपने आप कहने को कुछ भी कहते रहें! तहसील एत्मादपुर क्षेत्र छलेसर चौकी से मात्र थोड़ी सी दूर पर यमुना एक्सप्रेसवे रोड के पास अवैध बस अड्डा संचालित है! इस बस अड्डे से लगभग 50 गाड़ियां नोएडा के लिए सवारियां भर्ती हैं! इन बसों से साडे चार हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से पुलिस को महीने दारी पहुंचती है! इसी रोड से छोटी गाड़ियां नोएडा के लिए सवारिया भर्ती हैं! उन गाड़ियों से पुलिस को 3 हजार रुपये महीने दारी पहुंचती है! इस कारोबार में पुलिस के अलावा कुछ सफेद पोस भी शामिल है! लेकिन इसका संचालन छलेसर चौकी पर तैनात एक चौधरी सिपाही करता है! कुछ दिन पहले छलेसर चौकी पर एक आरोपी ने खुद को आग के हवाले कर लिया था! जिसमें पुलिस के हाथ पैर फूल गए थे! उसी दौरान अधिकारियों ने उस पुलिस बाले को चौकी से हटाकर थाने पर तैनात कर दिया! उसी सिपाही के हवाले जुआ, सट्टे, अफीम, चरस, गांजा, आदि अवैध कारोबारियों से उगाई की जिम्मेदारी मिली हुई है! अगर थाने से भी किसी को बाहर करना है! तो उसी चौधरी सिपाही से सबको बात करनी पड़ेगी! सिपाही कि इस रोड पर चार गाड़ियां भी चलती है! कई बार इस मामले की जानकारी क्षेत्राधिकारी एत्मादपुर ,एसपी ग्रामीण आदि अधिकारियों से करनी चाही लेकिन कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं होता! आखिरकार इस बस अड्डे के तार काफी दूर तक जुड़े हुए हैं ! जबकि इन वाहनों के कारण रोडवेज विभाग को लाखों रुपए का हर रोज नुकसान झेलना पड़ता है! कोई भी रोडवेज बस इस जगह से सवारी नहीं उठा पाती ! अगर सवारी भर्ती भी है! तो गाड़ी वालों के गुर्गे बस वालों के साथ मारपीट भी कर देते हैं! इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती! कार्यवाही भी क्यों की जाए क्योंकि फ्री में बस नहीं चला रहे! पैसा फेंकते हैं तब जाकर तमाशा देखते हैं!

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