आगरा टोरंट के खिलाफ प्रदर्शन बाबा लाखों रुपए से पाबंद सड़क पर पुलिस ही पुलिस
आगरा मैं टोरेंट का नाम आते ही जनता के अंदर करंट दौड़ना शुरू हो जाता है मानो किसी ने इस जनता को इतना भयभीत कर दिया है कि नाम से ही डर लगने लगता है आपको बता दें कि टोरेंट नाम की बिजली कंपनी ने बसपा सरकार में आगरा के अंदर प्रवेश किया था और उसका करंट सपा सरकार से होते हुए भाजपा सरकार में तेजी से दौड़ने लगा जब कि आगरा में टोरेंट ने कदम रखा था तब वर्तमान सरकार में सांसद विधायक हर रोज टोरेंट का विरोध करने के लिए सड़कों पर धरना प्रदर्शन करते थे लेकिन जैसे-जैसे सरकार बदलती गई और टोरेंट का का चांदी का जूता चलता चला गया टोरेंट ने गरीबों का खून चूसना प्रारंभ कर दिया खून इतना चूसा कि गरीब के शरीर में अब खून नाम की बूंद ही देखने को मिल रही है देश में फैली भयंकर महामारी के कारण सरकार द्वारा लॉकडाउन लगा दिया गया लॉकडाउन में गरीबों की रोजी रोटी तक चली गई हजारों लोग सड़कों पर आ गए और सैकड़ों लोगों की मौत भी हो चुकी रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं लेकिन टोरेंट का करंट कम होने का नाम नहीं ले रहा कम होने की तो बात दूर अब टोरेंट का बिल दिन दूना रात चौगुना तरक्की करने में लगा हुआ है जब कि इस करंट से गरीबों को हार्ट अटैक की बीमारी पड़ने लगी है फिर भी सरकार के नुमाइंदों पर कोई असर नहीं पड़ रहा उन्हें क्या मतलब जनता मरे या जिंदा रहे चुनाव आएगा तो तब की बात तब देखी जाएगी इसी को लेकर कई बार कई पार्टियां धरना प्रदर्शन कर चुकी है जिसमें खाकी के झंडे भी उन्हें खाने को मिले हैं लेकिन बिल कम नहीं हुआ और ज्यादा बढ़ गया जहां तक कि कांग्रेस की जिलाध्यक्ष कि तो बीच रोड पर पुलिस ने इतनी बेज्जती की कि कपड़े तक फाड़ दिए और उसके बाद भी जेल जाना पड़ा टोरंट के खिलाफ जिस ने आवाज उठाई उसकी आवाज बंद कर दी गई इसे कहां जाए कि आजादी के बाद भी गुलामी सहनी पड़ रही है टोरेंट पावर के बिजली बिल माफी को लेकर बाबा बाल योगी ने कोठी मीना बाजार पर धरना प्रदर्शन का ऐलान किया था धरना प्रदर्शन से पहले ही बाबा बाल योगी को आगरा पुलिस प्रशासन ने नजरबंद करते हुए मैदान से जबरन उठा लिया बाबा के समर्थन में आगरा शहर के शहरवासी सड़कों पर सरकार और टोरेंट पावर मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए दिखाई दिए लेकिन कहते हैं कि जिसकी लाठी उसकी भैंस होती है वही हाल देखने को मिला कि खाकी ने समर्थन में आई सभी जनता को खदेड़ दिया और टोरेंट के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले बाबा को आश्रम पर नजर बंद करते हुए खाकी का घेरा डाल दिया वही बाबा का कहना था कि प्रदर्शन का ऐलान की सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारियों ने उनको लाखों रुपए से पाबंद कर दिया और कोठी मीना बाजार को छावनी में तब्दील कर दिया चारों तरफ खाकी खाकी दिखाई देने लगी बाबा ने सोशल मीडिया के माध्यम से टोरंट के खिलाफ प्रदर्शन में भीड़ जुटाने के लिए अपील की थी उसी अपील पर हजारों की संख्या में महिला पुरुष सड़कों पर आ गए थे लेकिन एक और बात सामने आई कि टोरेंट का करंट तो गरीब जनता में लगी रहा है लेकिन उसके साथ साथ मकान मालिक भी गरीबों का खून चूसने में पीछे नहीं है किराए पर रहने वाले किरायेदारों से मकान मालिक भी इन दिनों टोरेंट का नाम लेकर दूने रुपए यूनिट का बिल वसूलने में लगे हुए हैं जहां तक कि ₹9 से लेकर ₹12 तक का किरायेदारों से बिल का चार्ज लिया जाता है जिस पर टोरेंट भी आंखें मूंदकर बैठी है क्योंकि शहर में लगभग 40% किराएदार रहते हैं टोरेंट को तो अपने बिल से मतलब है लेकिन मकान मालिक भी किरायेदारों से जबरदस्ती बिल वसूलने में लगे हुए हैं अब देखना यह होगा कि क्या लॉकडाउन समय का बिल गरीबों का माफ होगा या पार्टियां और अन्य दल प्रदर्शन कर चुपचाप बैठ जाएंगे और गरीब जनता को मायूसी हाथ लगेगी